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आसान होते संवाद मेरे,
जब कथन हिंदी में कहती हूँ।
और लगे प्यारी मुझे ये,
जब हर शब्द इसका लिखती हूँ।
गर्व है वर्णमाला पर इसकी,
कठिन है मगर आसान समझती हूँ।
होती हूँ आनंद विभोर मैं,
जब हर शब्द इसका पढ़ती हूँ।
लगे आसान वेद पुराण उपनिषद,
जब हिंदी भाषा, मैं सुनती हूँ।
कोई ना संशय रहता मन में,
हर शब्द को भावार्थ में समझती हूँ।
हर भाषा का एक स्वरूप होता है,
मैं हिंदी को निजी स्वरूप समझती हूँ।
हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और इसे राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। हिंदी के महत्व को बताने और इसके प्रचार प्रसार के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर 1953 से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
इसी परिपेक्ष्य में आज 14 सितंबर 2022 को संस्कार विद्या निकेतन की सभी छात्राओं ने शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में आज हिंदी दिवस को बहुत ही उत्साह पूर्वक मनाया,सभी छात्राओं ने हिंदी दिवस के महत्व को समझते हुए, आयोजित प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया| प्रतियोगिताओं के अंतर्गत- काव्य-पाठ, संवाद-लेखन तथा पोस्टर बनाने जैसी गतिविधियाँ करवाई गई|,छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु उनके प्रदर्शन के अनुसार उन्हें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान दिया गया|
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